
Conscious Life Design
Led by Rajesh Bahuguna
January 7-11, 2026
Bodhigram Empowerment Centre
Thano Village, Dehradun
हज़ारों वर्षों से इंसान इस धरती पर रह रहा है और वह निरंतर एक ऐसी ज़िंदगी गढ़ने का प्रयास करता रहा है जिसमें स्वतंत्रता और प्रेम हो। एक ऐसी ज़िंदगी, जहाँ इंसान अपनी पहचान को समझ सके, रिश्तों में स्नेह हो, और विचार व निर्णय विरोधाभासों से मुक्त हों। एक समरसता से भरी ज़िंदगी, जिसमें इंसान स्वयं को गहराई से जानता है और अपने रिश्तों में प्रेमपूर्वक जीता है; यही इंसान होने का असली सार भी है।
फिर भी, सदियों की तरक़्क़ी के बावजूद, हम अक्सर स्वयं को अनेक अदृश्य ज़ंजीरों में जकड़ा हुआ महसूस करते हैं। जैसा कि फ़्रांसीसी दार्शनिक रूसो ने कहा था:
“इंसान स्वतंत्र जन्म लेता है, पर हर जगह ज़ंजीरों में बंधा होता है।”
ये ज़ंजीरें हमारे विचारों, रिश्तों, भौतिक इच्छाओं, और आध्यात्मिक खोजों में दिखाई देती हैं।
असल में, इंसान स्वतंत्रता की गहरी लालसा रखता है – पर किससे स्वतंत्रता?
अपने विचारों के भीतर चल रहे द्वंद्व से स्वतंत्रता
-
रिश्तों में अपेक्षाओं और उम्मीदों के बोझ से स्वतंत्रता
-
भौतिकता और आध्यात्मिकता के बीच के टकराव से स्वतंत्रता
-
व्यक्तिगत आज़ादी और सामाजिक नियमों के बीच के तनाव से स्वतंत्रता
यही संघर्ष हमारे तनाव की जड़ हैं।
अपने सपनों के अनुरूप जीवन रचने के लिए, सबसे पहले आवश्यक है कि हम स्वयं को इन आंतरिक संघर्षों से मुक्त करें।
Conscious Life Design Workshop – January 2026
इन पाँच परिवर्तनकारी दिनों के दौरान, हम खोजेंगे:
-
जीवन क्या है?
-
जीवन का उद्देश्य क्या है?
-
संपूर्ण रिश्ते कैसे बनाए जाएँ?
-
तनावमुक्त जीवन कैसे जिया जाए?
-
एक ऐसी ज़िंदगी कैसे डिज़ाइन करें जो आपके सपनों के अनुरूप हो?
और भी बहुत कुछ…
आइए, इस आत्म-खोज और जीवन-निर्माण की यात्रा में हमारे साथ शामिल हों, जहाँ हम उन उलझनों को सुलझाएँगे जो हमें बाँधती हैं, और इस कार्यशाला में होशपूर्वक, स्वतंत्र और आनंदपूर्ण जीवन जीने की कला सीखेंगे।
Daily Schedule
9:30 AM – 11:30 AM: First Session
11:30 AM – 12:00 PM: Tea Break
12:00 PM – 1:30 PM: Second Session
1:30 PM – 3:00 PM: Lunch Break
3:00 PM – 4:30 PM: Third Session
4:30 PM – 5:00 PM: Tea Break
5:00 PM – 6:30 PM: Fourth Session
After the fourth session, the time until dinner is free for rest, reflection, or personal time. After dinner: Optional sharing circle, where participants are invited to reflect on and share their experiences from the day.
About the Facilitator: Rajesh Bahuguna
राजेश बहुगुणा जी, जिनका जन्म आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश में हुआ, एक अनुभवी शोधकर्ता और ए. नागराज जी द्वारा प्रतिपादित सह-अस्तित्व दर्शन के प्रबोधक हैं। बीस वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने मानव मूल्यों को शिक्षा में एकीकृत करने पर आधारित 50 से अधिक परिवर्तनकारी कार्यशालाओं का नेतृत्व किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने जीवन विद्या, पेरेंटिंग और सामंजस्यपूर्ण रिश्तों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 40 से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन किया है।
उनका कार्य उन्हें भारतभर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों तक ले गया है, जहाँ उन्होंने शिक्षा सलाहकार के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राजेश जी लोगों को होशपूर्वक जीवन जीने, तथा अर्थपूर्ण और तनावमुक्त रिश्तों के साथ संतुलित जीवन की दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए समर्पित हैं।
Testimonials
शिखर
कॉन्शस लाइफ़ डिज़ाइन कार्यशाला मेरे लिए एक अत्यंत अद्भुत और सूचनादायक अनुभव रहा। इस कार्यशाला में सबसे महत्वपूर्ण मानवीय समस्याओं पर अत्यंत सरल और सहज तरीके से बात की गई। यह आत्म-जागरूकता, भावनात्मक संतुलन और जीवन के उद्देश्य पर केंद्रित थी, जो व्यक्तिगत और सामाजिक—दोनों ही दृष्टिकोणों से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
बोधिग्राम में बिताए गए दिन और वहाँ बने रिश्ते हमेशा मेरे दिल के क़रीब रहेंगे। मैं सभी को यह सुझाव दूँगा कि वे इस कार्यशाला का हिस्सा बनें, ताकि वे स्वयं को बेहतर ढंग से समझ सकें और एक बेहतर इंसान बन सकें। साथ ही, बोधिग्राम की शांत और संतुलित ऊर्जा इस पूरे अनुभव को और भी गहरा तथा प्रभावशाली बना देती है।
हरिओम
मैंने अपने जीवन में कई प्रकार की आध्यात्मिक और जीवन-परिवर्तनकारी कार्यशालाओं में भाग लिया है, लेकिन कॉन्शस लाइफ़ डिज़ाइन, जो जीवन विद्या के सिद्धांतों पर आधारित है, उसका अनुभव सबसे अलग और गहरा रहा। इस कार्यशाला की मूल दर्शन-शैली में जीवन को समग्र रूप से समझने, उसे सकारात्मक दिशा देने और वास्तविक परिवर्तन लाने की क्षमता है।
यह कार्यशाला वास्तव में एक अद्वितीय अनुभव है।
बोधिग्राम में बिताए गए दिन और वहाँ बने रिश्ते हमेशा मेरे दिल के क़रीब रहेंगे। मैं सभी को यह सुझाव दूँगा कि वे इस कार्यशाला का हिस्सा बनें, ताकि वे स्वयं को बेहतर ढंग से समझ सकें और एक बेहतर इंसान बन सकें। साथ ही, बोधिग्राम की शांत और संतुलित ऊर्जा इस पूरे अनुभव को और भी गहरा तथा प्रभावशाली बना देती है।
Registration
Click the button below to register. only 15 seats available for an intimate and focused experience.
कार्यशाला योगदान: ₹7,375
आप उपर्युक्त राशि से अधिक भी योगदान कर सकते हैं। यदि आप अधिक राशि का योगदान करते हैं, तो आप अपने सह-
कार्यशाला साथियों की भी सहायता कर रहे होते हैं, जो आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं और जिन्हें इस कार्यशाला में
भाग लेने के लिए छात्रवृत्ति की आवश्यकता है।
-
नोट 1: कार्यशाला योगदान में 5 दिनों (7 जनवरी – 11 जनवरी, 2026) के लिए आवास और भोजन शामिल हैं।
-
नोट 2: यदि आप कार्यशाला से पहले या बाद में बोधिग्राम में ठहरना चाहते हैं, तो उस स्थिति में अतिरिक्त योगदान देय होगा।
-
नोट 3: जो प्रतिभागी आर्थिक रूप से कठिनाई का सामना कर रहे हैं, उनके लिए आंशिक छात्रवृत्ति उपलब्ध है। कृपया आवश्यकता होने पर हमसे संपर्क करें।
-
नोट 4: पंजीकरण के समय आपको केवल ₹1,475 का भुगतान करना होगा। शेष राशि आप बोधिग्राम पहुँचने के बाद जमा कर सकते हैं।
यह कार्यशाला केवल 15 सह-यात्रियों / प्रतिभागियों के लिए सीमित है।
किसी भी प्रश्न के लिए कृपया विनीत से संपर्क करें: +91-9405712845
बोधिग्राम एक सशक्तिकरण केंद्र है और लिविंग कॉन्शियसली फ़ाउंडेशन का घर है।
यह केंद्र आध्यात्मिकता, मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विकास के क्षेत्र में विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से समग्र
मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह एक सामुदायिक आवास स्थल भी है, जहाँ प्रेम और करुणा को
मूल्यों के रूप में जिया जाता है।
बोधिग्राम, देहरादून (उत्तराखंड) के थानो वन क्षेत्र में स्थित है। यह जॉली ग्रांट (देहरादून) हवाई अड्डे से लगभग 7 किमी,
ऋषिकेश से 20 किमी, और देहरादून शहर से लगभग 22 किमी की दूरी पर स्थित है।









